आरती- श्री गणेशजी की

सभी देवी-देवताओ का आरती संग्रह

आरती- श्री गणेशजी की

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटिसमप्रभ !

निर्विध्नं कुरु में देव सर्व कार्येषु सर्वदा !!

हे गणेश देवता ! आप विशाल रूप

तथा सूर्य के समान चमक्ने वले है! आप से अशा और

माँग है कि हुमेष हुमारे कार्यो में कोइ बाधा न हो !!

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा!

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा !!

एक दन्त दयावन्त, चर भुजा धारी !

मस्तक सिन्दुर सोहे, मुसे की सवारी !!

अन्धन को आँख देत, कोढिन को काया!

बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया !!

पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा !

लड्डूअन का भोग लगे, संत करे सेवा!!

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा!

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा !!

आरती- श्री दुर्गाजी की

आरती- श्री बालाजी महाराज की

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